प्री-बी.एड. 2025 परीक्षा, भावी शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करने का अवसर प्रदान करती है। यह परीक्षा उम्मीदवारों की विभिन्न क्षमताओं का आकलन करती है, जिसमें मानसिक योग्यता, सामान्य ज्ञान, शिक्षण अभिरुचि, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दक्षता शामिल है। इस लेख में, हम प्री-बी.एड. 2025 के पाठ्यक्रम का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, प्रत्येक भाग के महत्व पर प्रकाश डालेंगे और परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ सुझाव देंगे।

प्री-बी.एड. 2025 Syllabus | |
डी.एल.एड. 2025 Syllabus | |
अधिक जानकारी के लिए |
भाग 1: सामान्य मानसिक योग्यता
यह खंड उम्मीदवारों की तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमताओं का परीक्षण करता है। इसमें तर्क करने, संबंधों को पहचानने, सादृश्यता (एनालॉजी) को समझने, आंकिक योग्यता और आकाशीय संबंधों का मूल्यांकन करने जैसे कार्य शामिल हैं । इस खंड में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकारों में विषमता को पहचानना, आंकिक और अक्षर श्रृंखला को पूरा करना, अक्षर, अंक और चित्रों के बीच संबंध स्थापित करना, सांकेतिक भाषा को समझना, छिपे हुए चित्रों को ढूंढना, वर्ग और अंक, गणितीय संक्रियाएँ, चित्रों का मिलान और घन से संबंधित विभिन्न पैटर्न शामिल हैं ।
यह खंड न केवल परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि शिक्षण में भी महत्वपूर्ण है। एक शिक्षक को छात्रों की विभिन्न समस्याओं को हल करने, तार्किक सोच को बढ़ावा देने और रचनात्मक समाधान खोजने में मदद करने में सक्षम होना चाहिए। इसलिए, इस खंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए, नियमित अभ्यास और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करने की क्षमता विकसित करना आवश्यक है।
भाग 2: सामान्य ज्ञान
यह खंड उम्मीदवारों के ज्ञान की गहराई और व्यापकता का आकलन करता है। इसमें भारतीय इतिहास, नागरिक शास्त्र/राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल और सामान्य विज्ञान जैसे विषय शामिल हैं । पाठ्यक्रम में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि ये विषय भारत और छत्तीसगढ़ तक सीमित रहेंगे ।
भारतीय इतिहास: इसमें भारतीय सांस्कृतिक विकास, ऐतिहासिक घटनाएँ, भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास (1857 से 1947 तक), 1947 के बाद के घटनाक्रम, सुधार आंदोलन, राष्ट्रीय एकता और स्वतंत्र भारत के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ शामिल हैं ।
नागरिक शास्त्र/राजनीति विज्ञान: इसमें मौलिक कर्तव्य और अधिकार, शिक्षा, भाषा, सांस्कृतिक विविधताएं, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय व्यक्तित्व, कार्यपालिका और व्यवस्थापिका, और मुख्य संवैधानिक प्रावधान शामिल हैं ।
अर्थशास्त्र: इसमें सामाजिक और आर्थिक विकास, जनसंख्या परिप्रेक्ष्य, सकल राष्ट्रीय उत्पादन और प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा का बजट, राष्ट्र और राज्य, नियोजन प्रक्रिया, कृषि, ग्रामीण विकास, औद्योगिक और व्यापारिक विकास, भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंक प्रणाली, रोजगार समस्या और वर्तमान आर्थिक घटनाक्रम शामिल हैं ।
भूगोल: इसमें हमारी पृथ्वी, प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण चेतना, वनस्पति और प्रणाली समूह, मिट्टी और उसके प्रकार, और भारत के राज्य और उनकी भौगोलिक स्थिति शामिल हैं ।
सामान्य विज्ञान: इसमें मुख्य आविष्कार और आविष्कारक, जन विज्ञान आंदोलन, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य विज्ञान और जनसंख्या चेतना, और जीवन की गुणवत्ता शामिल हैं ।
इसके अतिरिक्त, इस खंड में भारत के विभिन्न शिक्षा से संबंधित आयोग और शिक्षा नीतियों की समीक्षा, औपचारिकेतर शिक्षा/पूर्ण साक्षरता अभियान/सतत् शिक्षा संबंधी रिपोर्ट्स, शैक्षिक तकनीक विभिन्न नवाचार, प्रोजेक्ट और शिक्षा में प्रयोग, शिक्षा का लोकव्यापीकरण/प्रारंभिक शिक्षा का लोक व्यापीकरण/सबके लिए शिक्षा/जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा 2005, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा 2023, सतत् एवं समग्र मूल्यांकन, FLN, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून 2009, NEP2020, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, दूरस्थ शिक्षा/संचार माध्यम, खेलकूद, योग एवं उपलब्धि शाला, स्वच्छता एवं शाला प्रबंधन जैसे विषय भी शामिल हैं ।
यह खंड एक शिक्षक के लिए आवश्यक व्यापक ज्ञान आधार को दर्शाता है। एक शिक्षक को न केवल अपने विषय में पारंगत होना चाहिए, बल्कि उसे देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की भी अच्छी समझ होनी चाहिए।
भाग 3: शिक्षण अभिरुचि
यह खंड उम्मीदवारों की शिक्षण के प्रति रुचि, योग्यता और दृष्टिकोण का आकलन करता है । इसमें बच्चों के प्रति अभिवृत्ति, अनुकूलन की योग्यता, व्यवसाय संबंधी सूचनाएं और व्यवसाय में रुचि जैसे विषय शामिल हैं । प्रश्नों का परीक्षण कथनों की सहायता से किया जाएगा ।
शिक्षा शास्त्र से संबंधित प्रश्नों में 11 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के शैक्षिक मनोविज्ञान और उनके सीखने एवं सिखाने की प्रक्रिया आदि की जानकारी पर आधारित होंगे । इस विषय की तैयारी करते समय, बच्चों की व्यक्तिगत भिन्नताओं के बारे में समझ और उनकी आवश्यकताओं के आधार पर शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का निर्धारण कर पाना, कक्षा में सीखने की प्रक्रिया को सफल बनाने हेतु एक बेहतर सुविधादाता के रूप में शिक्षक की भूमिका और विभिन्न प्रकार के कक्षागत अंतःक्रियाओं की जानकारी एवं आधुनिक शिक्षण प्रविधियों/तकनीकों से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे ।
यह खंड यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवारों में शिक्षण के लिए आवश्यक गुण और कौशल हैं। एक अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्रों को समझने, उनकी आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण विधियों को अपनाने और कक्षा में सकारात्मक सीखने का माहौल बनाने में सक्षम होता है।
भाग 4: सामान्य हिंदी
यह खंड उम्मीदवारों की हिंदी भाषा में दक्षता का परीक्षण करता है । इसमें व्याकरण और भाषाई कौशल शामिल हैं।
व्याकरण: इसमें वर्ण विचार (स्वर, व्यंजन, अक्षर, वर्तनी, लिंग, वचन आदि), शब्द रचना (उपसर्ग, प्रत्यय, समास, अनेक शब्दों या वाक्यांश के लिए एक शब्द), शब्द विचार (स्रोत के आधार पर शब्दों के वर्ग तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी), अर्थ के आधार पर शब्दों के भेद (पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, अनेकार्थी), पद व पद भेद (संज्ञा, संज्ञा के प्रकार, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, कारक, चिन्हन), वाक्य परिचय (वाक्य के अंग, वाक्य के भेद) और रचना (मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ) शामिल हैं ।
भाषाई कौशल: इसमें श्रवण, वाचन, लेखन एवं पठन कौशल, विराम चिह्न और व्याकरणीय अशुद्धियाँ शामिल हैं ।
भाषा किसी भी शिक्षक के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। एक शिक्षक को अपनी बात को स्पष्टता और प्रभावशीलता से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए, और उसे भाषा की बारीकियों की भी अच्छी समझ होनी चाहिए।
भाग 5: सामान्य अंग्रेजी
यह खंड उम्मीदवारों की अंग्रेजी भाषा में दक्षता का परीक्षण करता है । इसमें व्याकरण, शब्दावली, पढ़ना और लिखना शामिल हैं।
व्याकरण: इसमें वाक्य (सरल, मिश्रित और संयुक्त वाक्य, अधीनस्थ और समन्वय खंड, वाक्यों का परिवर्तन), काल (सरल वर्तमान, वर्तमान प्रगतिशील और वर्तमान पूर्ण, सरल भूत, भूत प्रगतिशील और भूत पूर्ण, भविष्य का संकेत), कथन, मोडल (will, would, shall, should, ought to, must, have to, can-could, may-might and need), आवाज, पूर्वसर्ग, संज्ञा गिनती और गैर-गणना शामिल हैं ।
शब्दावली: इसमें उपसर्ग और प्रत्यय, एक शब्द प्रतिस्थापन, पर्यायवाची और विलोम शब्द, वर्तनी और व्युत्पत्ति शामिल हैं ।
पढ़ना: इसमें वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ मार्ग शामिल हैं ।
लिखना: इसमें आयोजन कौशल शामिल हैं ।
आज की वैश्विक दुनिया में, अंग्रेजी का ज्ञान शिक्षकों के लिए तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एक शिक्षक को न केवल अंग्रेजी में संवाद करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि उसे छात्रों को इस भाषा को सीखने में मदद करने में भी सक्षम होना चाहिए।
परीक्षा की तैयारी के लिए सुझाव
पाठ्यक्रम को समझें: परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले, पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक खंड में शामिल विषयों और उप-विषयों की एक सूची बनाएं।
अध्ययन योजना बनाएं: एक अध्ययन योजना बनाएं जो आपको प्रत्येक विषय को कवर करने के लिए पर्याप्त समय दे। अपनी योजना का पालन करें और नियमित रूप से अध्ययन करें।
पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करें: पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको परीक्षा के प्रारूप और प्रश्नों के प्रकारों को समझने में मदद मिलेगी।
मॉक टेस्ट दें: मॉक टेस्ट देने से आपको अपनी तैयारी के स्तर का आकलन करने और अपनी कमजोरियों को पहचानने में मदद मिलेगी।
नियमित रूप से अभ्यास करें: प्रत्येक विषय का नियमित रूप से अभ्यास करें। अभ्यास करने से आपको अवधारणाओं को बेहतर ढंग से समझने और अपनी गति और सटीकता में सुधार करने में मदद मिलेगी।
सकारात्मक रहें: सकारात्मक रहें और अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखें। कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ, आप निश्चित रूप से परीक्षा में सफल होंगे।
निष्कर्ष
प्री-बी.एड. 2025 पाठ्यक्रम एक व्यापक मूल्यांकन है जो भावी शिक्षकों के लिए आवश्यक विभिन्न कौशलों और ज्ञान का परीक्षण करता है। यह परीक्षा न केवल उम्मीदवारों की शैक्षणिक क्षमताओं का आकलन करती है, बल्कि उनकी शिक्षण के प्रति रुचि और योग्यता का भी मूल्यांकन करती है। इसलिए, इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों को एक सुनियोजित दृष्टिकोण, कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।
डी.एल.एड. (Diploma in Elementary Education) 2025 परीक्षा, प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के रूप में अपना करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परीक्षा उम्मीदवारों की विभिन्न क्षमताओं का आकलन करती है, जिसमें सामान्य मानसिक योग्यता, सामान्य ज्ञान, शिक्षण अभिरुचि, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में दक्षता शामिल है। यह पाठ्यक्रम हायर सेकेंडरी परीक्षा स्तर का है। इस लेख में, हम डी.एल.एड. 2025 के पाठ्यक्रम का विस्तृत विश्लेषण करेंगे, प्रत्येक भाग के महत्व पर प्रकाश डालेंगे और परीक्षा की तैयारी के लिए कुछ सुझाव देंगे।
प्री-बी.एड. 2025 Syllabus | |
डी.एल.एड. 2025 Syllabus | |
अधिक जानकारी के लिए |

भाग 1: सामान्य मानसिक योग्यता (30 अंक)
यह खंड उम्मीदवारों की तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमताओं का परीक्षण करता है। इसमें तर्क करने, संबंध देखने, एनालॉजी, आंकिक योग्यता और आकाशीय संबंध जैसे विषय शामिल हैं। इस खंड में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकारों में विषमता को पहचानना, आंकिक श्रेणी, अक्षर श्रेणी, अक्षर अंक और चित्रों द्वारा संबंध देखना, सांकेतिक भाषा, छुपे हुए चित्र, वर्ग एवं अंक, गणितीय संक्रियाएँ, चित्रों का मिलान और घन संबंधी विभिन्न प्रकार के पैटर्न आदि शामिल हैं।
यह खंड न केवल परीक्षा में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि शिक्षण में भी महत्वपूर्ण है। एक शिक्षक को छात्रों की विभिन्न समस्याओं को हल करने, तार्किक सोच को बढ़ावा देने और रचनात्मक समाधान खोजने में मदद करने में सक्षम होना चाहिए। इसलिए, इस खंड में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए, नियमित अभ्यास और विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करने की क्षमता विकसित करना आवश्यक है।
भाग 2: सामान्य ज्ञान (20 अंक)
यह खंड उम्मीदवारों के ज्ञान की गहराई और व्यापकता का आकलन करता है। इसमें भारतीय इतिहास, नागरिक शास्त्र/राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल और सामान्य विज्ञान जैसे विषय शामिल हैं। पाठ्यक्रम में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि सामान्य विज्ञान को छोड़कर, शेष अन्य सभी विषय भारत और छत्तीसगढ़ तक सीमित रहेंगे।
भारतीय इतिहास: इसमें भारतीय सांस्कृतिक विकास, ऐतिहासिक घटनाएँ, भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास (1857 से 1945 तक), 1947 के बाद का घटनाक्रम, सुधार आंदोलन और राष्ट्रीय एकता शामिल हैं।
नागरिक शास्त्र/राजनीति विज्ञान: इसमें मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार, शिक्षा, भाषा, सांस्कृतिक विविधताएं, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रीय व्यक्तित्व, लोकसभा, राज्यसभा और मुख्य संवैधानिक प्रावधान शामिल हैं।
अर्थशास्त्र: इसमें सामाजिक एवं आर्थिक विकास, जनसंख्या परिप्रेक्ष्य, सकल राष्ट्रीय उत्पादन और प्रति व्यक्ति आय, शिक्षा का बजट, राष्ट्र एवं राज्य, नियोजन प्रक्रिया, कृषि, ग्रामीण विकास, औद्योगिक एवं व्यापारिक विकास, भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंक प्रणाली, रोजगार समस्या और वर्तमान आर्थिक घटनाक्रम शामिल हैं।
भूगोल: इसमें प्राकृतिक संसाधन, पर्यावरण चेतना, वनस्पति एवं प्रणाली समूह, मिट्टी और उसके प्रकार, खनिज, भारत के राज्य और उनकी भौगोलिक स्थिति शामिल हैं।
सामान्य विज्ञान: इसमें मुख्य आविष्कार एवं आविष्कारक, जन विज्ञान आंदोलन, स्वास्थ्य, स्वास्थ्य विज्ञान एवं जनसंख्या चेतना और जीवन की गुणवत्ता शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, इस खंड में भारत के विभिन्न शिक्षा से संबंधित आयोग और शिक्षा नीतियों की समीक्षा, औपचारिकेतर शिक्षा/पूर्ण साक्षरता अभियान/सतत् शिक्षा संबंधी रिपोर्ट्स, शैक्षिक तकनीक विभिन्न नवाचार, प्रोजेक्ट और शिक्षा में प्रयोग, शिक्षा का लोकव्यापीकरण/प्रारंभिक शिक्षा का लोक व्यापीकरण/सबके लिए शिक्षा/जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम, सर्वशिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा 2005, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा 2023, सतत् एवं समग्र मूल्यांकन, FLN, प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा, निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार कानून 2009, NEP2020, राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय, राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद्, दूरस्थ शिक्षा/संचार माध्यम, खेलकूद, योग एवं उपलब्धि शाला, स्वच्छता एवं शाला प्रबंधन जैसे विषय भी शामिल हैं।
यह खंड एक शिक्षक के लिए आवश्यक व्यापक ज्ञान आधार को दर्शाता है। एक शिक्षक को न केवल अपने विषय में पारंगत होना चाहिए, बल्कि उसे देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की भी अच्छी समझ होनी चाहिए।
भाग 3: शिक्षण अभिरुचि (30 अंक)
यह खंड उम्मीदवारों की शिक्षण के प्रति रुचि, योग्यता और दृष्टिकोण का आकलन करता है। इसमें बच्चों के प्रति अभिवृत्ति, अनुकूलन की योग्यता, व्यवसाय संबंधी सूचनाएं और व्यवसाय में रुचि जैसे विषय शामिल हैं। प्रश्नों का परीक्षण कथनों की सहायता से किया जाएगा। शिक्षा शास्त्र से संबंधित प्रश्नों में 6 से 11 आयु वर्ग के बच्चों के शैक्षिक मनोविज्ञान और उनके सीखने एवं सिखाने की प्रक्रिया आदि की जानकारी पर आधारित होंगे। इस विषय की तैयारी करते समय, बच्चों की व्यक्तिगत भिन्नताओं के बारे में समझ और उनकी आवश्यकताओं के आधार पर शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का निर्धारण कर पाना, कक्षा में सीखने की प्रक्रिया को सफल बनाने हेतु एक बेहतर सुविधादाता के रूप में शिक्षक की भूमिका और विभिन्न प्रकार के कक्षागत अंतःक्रियाओं की जानकारी एवं आधुनिक शिक्षण प्रविधियों/तकनीकों से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।
यह खंड यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि उम्मीदवारों में शिक्षण के लिए आवश्यक गुण और कौशल हैं। एक अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्रों को समझने, उनकी आवश्यकताओं के अनुसार शिक्षण विधियों को अपनाने और कक्षा में सकारात्मक सीखने का माहौल बनाने में सक्षम होता है।
भाग 4: सामान्य हिंदी (10 अंक)
यह खंड उम्मीदवारों की हिंदी भाषा में दक्षता का परीक्षण करता है। इसमें व्याकरण और भाषाई कौशल शामिल हैं।
व्याकरण: इसमें वर्ण विचार (स्वर, व्यंजन, अक्षर, वर्तनी, लिंग, वचन आदि), शब्द रचना (उपसर्ग, प्रत्यय, समास, अनेक शब्दों या वाक्यांश के लिए एक शब्द), शब्द विचार (स्रोत के आधार पर शब्दों के वर्ग तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी), अर्थ के आधार पर शब्दों के भेद (पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, अनेकार्थी), पद व पद भेद (संज्ञा, संज्ञा के प्रकार, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, कारक, चिन्हन) और वाक्य परिचय (वाक्य के अंग, वाक्य के भेद) शामिल हैं।
रचना: मुहावरे तथा लोकोक्तियाँ।
भाषाई कौशल: इसमें श्रवण, वाचन, लेखन एवं पठन कौशल, विराम चिह्न और व्याकरणीय अशुद्धियाँ शामिल हैं।
भाषा किसी भी शिक्षक के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। एक शिक्षक को अपनी बात को स्पष्टता और प्रभावशीलता से व्यक्त करने में सक्षम होना चाहिए, और उसे भाषा की बारीकियों की भी अच्छी समझ होनी चाहिए।
भाग 5: सामान्य अंग्रेजी (10 अंक)
यह खंड उम्मीदवारों की अंग्रेजी भाषा में दक्षता का परीक्षण करता है। इसमें व्याकरण, शब्दावली और पठन कौशल शामिल हैं।
व्याकरण: इसमें Part of Speech, Simple Sentences, Compound Sentences, Determiners, Tense, If Clause, Question Framing, Articles, Modals, Change of Voice और Narration जैसे विषय हैं।
शब्दावली: इसमें One word substitution, Spellings, Opposite words (Prefixes-un,dis-,in-) और Suffixes शामिल हैं।
पठन कौशल: इसमें Passage with objectives question होंगे।
आज की वैश्विक दुनिया में, अंग्रेजी का ज्ञान शिक्षकों के लिए तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। एक शिक्षक को न केवल अंग्रेजी में संवाद करने में सक्षम होना चाहिए, बल्कि उसे छात्रों को इस भाषा को सीखने में मदद करने में भी सक्षम होना चाहिए।
निष्कर्ष
डी.एल.एड. 2025 पाठ्यक्रम एक व्यापक मूल्यांकन है जो भावी शिक्षकों के लिए आवश्यक विभिन्न कौशलों और ज्ञान का परीक्षण करता है। यह परीक्षा न केवल उम्मीदवारों की शैक्षणिक क्षमताओं का आकलन करती है, बल्कि उनकी शिक्षण के प्रति रुचि और योग्यता का भी मूल्यांकन करती है। इसलिए, इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए, उम्मीदवारों को एक सुनियोजित दृष्टिकोण, कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है।